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बकरी पालन के लिए मिल रही है 10 से 50 लाख रुपए की सब्सिडी, ऐसे उठाएं लाभ

प्रकाशित - 31 May 2024

जानें, किस योजना के तहत करना होगा आवेदन और कितना मिल सकता है लाभ

ग्रामीण क्षेत्रों में किसान बकरी पालन (Goat farming) करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। बकरी के दूध और मांस की मांग बाजार में काफी रहती है। आज गांव से निकलकर बकरी पालन का व्यवसाय शहर में भी काफी लोकप्रिय बनता जा रहा है। शहरी क्षेत्र के लोग भी बकरी पालन बिजनेस (Goat rearing business) से काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं बकरी पालन को व्यवसाय के रूप में शुरू करने के लिए सरकार भी सहायता कर रही है। खास बात यह है कि बकरी पालन के लिए सरकार की ओर से 10-50 लाख रुपए तक की सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। ऐसे में जो इच्छुक व्यक्ति बकरी पालन करके अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं, वे बकरी पालन से संबंधित सरकारी योजना के तहत आवेदन करके लोन और सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।

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बकरी पालन से कितनी हो सकती है कमाई (How much can be earned from goat farming)

बकरी पालन (Goat farming) का व्यवसाय विशेषकर छोटे किसानों के लिए उनकी आय बढ़ाने का एक बहुत अच्छा जरिया है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे कम पूंजी से भी शुरू किया जा सकता है और इसे आगे आवश्यकतानुसार विस्तार दिया जा सकता है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड सहित अनेक राज्यों में बकरी पालन करके किसान काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं। बकरियां यहां एटीएम की तरह है जिन्हें बेचकर तुरंत पैसा कमाया जा सकता है। यदि बकरी पालन को व्यावसायिक रूप से किया जाए तो इससे काफी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। खास बात यह है कि बकरी पालन बिजनेस के लिए सरकार की ओर से 10 से 50 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह सब्सिडी बकरियों की संख्या के आधार पर दी जाती है। एक अनुमान के मुताबिक 18 मादा बकरी से प्रति वर्ष औसतन 2,16,000 रुपए की कमाई की जा सकती है। वहीं इसके नर बकरे से औसतन 1,98,000 रुपए की कमाई हो सकती है।

बकरी पालन पर कितनी मिल रही है सब्सिडी (How much subsidy is being given on goat rearing)

योजना के तहत यदि कोई किसान 100 बकरियों की यूनिट लगाता है जिसमें 5 बीजू बकरियां रखनी आवश्यक है तो इसके लिए लागत 20 लाख रुपए निर्धारित की गई है जिस पर किसान को 50 प्रतिशत यानी अधिकतम 10 लाख रुपए की सब्सिडी (subsidy) दिए जाने का प्रावधान है।
वहीं यदि 500 बकरियां वाले प्रोजेक्ट जिसमें 25 बीजू बकरियों रखनी आवश्यक है का चुनाव करते हैं तो इस परियोजना के लिए लागत एक करोड़ रुपए रखी गई है जिस पर आप 50 प्रतिशत अधिकतम 50 लाख रुपए तक की सब्सिडी (subsidy) प्राप्त कर सकते हैं।

किन किसानों को मिलेगा योजना का लाभ (Which farmers will get the benefit of the scheme)

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत एकल किसान जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं लाभ उठा सकते हैं। एकल किसान योजना के तहत आवेदन करके बकरी पालन पर 10 लाख रुपए की सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है। एकल किसान योजना के तहत किसान कम से कम 100 बकरियों की यूनिट शुरू कर सकता है, लेकिन इसे शुरू करने के लिए किसान के पास पर्याप्त जमीन और अन्य आवश्यक संसाधन होने आवश्यक हैं, क्योंकि आवेदन करते समय किसान को जमीन के कागज सहित अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। वहीं किसान समूह इसका लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें स्वयं सहायता समूह या कृषि उत्पादन संगठन बनना होगा।

बकरी पालन के लिए सब्सिडी हेतु किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता (What documents will be required for subsidy for goat farming)-

यदि आप बकरी पालन पर सब्सिडी (subsidy on goat farming) का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
  • आवेदक किसान का पैन कार्ड
  • आवेदक का निवास प्रमाण-पत्र
  • बैंक खाता विवरण के लिए बैंक पासबुक की कॉपी
  • आवेदक का आधार से लिंक मोबाइल नंबर
  • आवेदक का आय प्रमाण-पत्र
  • आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो
  •  बकरी पालन से संबंधित प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र
  • जाति प्रमाण-पत्र (केवल अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए यदि लागू हो तो)

बकरी पालन पर सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन

इन दिनों उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बकरी पालन यूनिट शुरू करने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। यदि आप यूपी के किसान है तो आप राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत बकरी पालन पर सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए आपको राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना की आधिकारिक वेबसाइट https:// nlm.udyamimitra.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय सभी आवश्यक दस्तावेज साथ रखें ताकि आवेदन करते समय आपको कोई परेशानी नहीं आए। योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने निकटतम पशु चिकित्सालय या पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं।    

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