बढ़ते तापमान से गेहूं व चना में नुकसान की संभावना, किसान करें ये खास उपाय

Share Product प्रकाशित - 17 Feb 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

बढ़ते तापमान से गेहूं व चना में नुकसान की संभावना, किसान करें ये खास उपाय

जानें, बढ़ते तापमान से गेहूं व चना की फसल को बचाने के आसान तरीके

जलवायु परिवर्तन के कारण देश में मौसम में चक्र गड़बड़ा हुआ है। इससे कई बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि, अचानक तापमान में बढ़ोतरी आदि मौसमी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा रहा है। इस समय फरवरी का महीना चल रहा है। पिछले दो-तीन दिन से दोपहर के समय मई-जून जैसी तेज गर्मी पड़ने लगी है। तापमान में आई अचानक बढ़ोतरी ने गेहूं व चने की खेती करने वाले किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। कृषि जानकारों का कहना है कि इस समय अचानक तापमान में बढ़ोतरी गेहूं व चने की फसल के लिए नुकसानदेय हो  सकता है। ऐसे में किसानों को बढ़ते हुए तापमान से अपनी गेहूं व चने की फसल में होने वाले नुकसान से बचाने के उपाय करना जरूरी हो जाता है।

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आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को फरवरी के महीने में बढ़ रहे तापमान से गेहूं व चने की फसल को बचाने के कुछ आसान उपाय बता रहे हैं ताकि आपकी फसल को कोई नुकसान नहीं हो और आपको बेहतर पैदावार मिल सके, तो आइये जानते हैं, इसके बारें में।

देश में लगातार जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है। पिछले दो-तीन सालों से रबी सीजन की फसलें भी तापमान के बढ़ने के कारण प्रभावित हो रही हैं और फसलों के उत्पादन में गिरावट आ रही है. फरवरी के महीने में अगर फिर से तापमान में बढ़ोतरी हुई तो किसानों की चिंता बढ़ जाएगी पिछले महीने, गेहूं की फसल के लिए ठंड को फायदेमंद बताया जा रहा था. हालांकि, पिछले दो-तीन दिनों से तापमान में बढ़ोतरी हुई है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। बढ़ती गर्मी गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक हो सकती है. इसलिए वातावरण में तापमान की बढ़ोतरी पर किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।

तापमान बढ़ने से गेहूं व चने में क्या हो सकती है नुकसान

  • कृषि एक्सपर्ट्स के मुताबिक बढ़ते गेहूं की फसल के लिए अधिक तापमान अच्छा नहीं रहता है। तापमानक अधिकता से गेहूं की बढ़वार रूक जाती है। इससे फसल की लंबाई कम होती है और फसल जल्दी पक जाती है।
  • तापमान बढ़ने से पुष्पन क्रिया जल्दी हो जाती है जिससे गेहूं की बालियों में दाना ठीक से नहीं भर पाता है।
  • तापमान में तेजी बढ़ोतरी होने से दाने का विकास नहीं हो पाता है और समय से पहले दाना परिपक्व हो जाता है जिससे दाना कमजोर पड़ जाता है।
  • इसी तरह चने की फसल को भी बढ़े हुए तापमान से नुकसान होता है। बढे हुआ तापमान गेहूं व चने की क्वालिटी व उत्पादन दोनों प्रभावित होता है।

बढ़ते तापमान से गेहूं की फसल को बचाने के लिए क्या करें उपाय

गेहूं की फसल को तेज तापमान से बचाने के लिए कुछ उपाय कर लिये जाएं तो इससे फसल की सुरक्षा की जा सकती है और नुकसान से बचा जा सकता है। तेज गर्मी से गेहूं की फसल को होने वाले नुकसान बचाने के लिए जो उपाय अपना सकते हैं, वे इस प्रकार से हैं-

  • गेहूं की फसल को बढ़ते तापमान के प्रभाव से बचाने के लिए दाना भराव एवं दाना निर्माण के समय सीलिसिक अम्ल 15 ग्राम प्रति 100 लीटर फॉलियर स्प्रे का छिड़काव फसल पर करना चाहिए।
  • सीलिसिक अम्ल का पहला छिड़काव झंडा पत्ती अवस्था और इसका दूसरा छिड़काव दूधिया अवस्था के दौरान करने किया जाना चाहिए।
  • गेहूं की फसल में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करने से भी फसल पर पड़ने वाले तापमान के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  • गेहूं की फसल पर 0.2 प्रतिशत म्यूरेट ऑफ पोटाश या 0.2 प्रतिशत पोटेशियम नाइट्रेट का छिड़काव करके भी नुकसान से बचा जा सकता है। यह छिड़काव 15 दिन के अंतराल में दो बार किया जा सकता है।
  • गेहूं की फसल में बाली आने पर एस्कार्बिक अम्ल के 10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी का घोल का छिड़काव किया जा सकता है। इससे फसल पर बढ़े हुए तापमान का असर नहीं पड़ता है।
  • गहूं की पछेती बोई गई फसल में पोटेशियम नाइट्रेट 13:0:45, चिलेटेड जिंक, चिलेटेड मैंगनीज का छिड़काव करना भी अच्छा रहता है।
  • मौसम में बदलाव के कारण गेहूं की फसल में झुलसा रोग के प्रकोप की दिखाई दे रहा हो तो इसके नियंत्रण के लिए किसानों को प्रॉपिकोनाजोल की एक मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी के घोल बनाकर इसे दो बार 10 से 12 दिन के अंतर पर छिड़काव करना चाहिए।

चने की फसल को नुकसान से कैसे बचाएं

कृषि विशेषज्ञ के मुताबिक चने की फसल को बढ़े हुए तापमान से बचाने के लिए फसल में फूल निकलने की अवस्था एवं फली वाली अवस्था के दौरान पोटेशियम नराइट्रेट (13:0:45) का 100 लीटर पानी में एक किलोग्राम का घोल बनाकर फोलियर स्प्रे किया जा सकता है। इसके अलावा आप सीलिसिक अम्ल का छिड़काव करके भी फसल को चने की फसल की बढते हुए तापमान से सुरक्षा कर सकते हैं। इनमें से एक उपाय किया जा सकता है। 

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