प्रकाशित - 06 Jun 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
तिलहनी फसलों में सोयाबीन (Soybean) एक प्रमुख फसल है जिसकी खेती खरीफ सीजन (kharif season) में की जाती है। सोयाबीन की खेती देश के कई राज्यों में प्रमुखता से की जाती है। जिसमें सोयाबीन की खेती मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा की जाती है। इसके बाद राजस्थान में भी इसकी खेती होती है। अब बिहार में भी किसान इसकी खेती करने लगे हैं। सोयाबीन की बुवाई जून माह में शुरू हो जाती है। इसे देखते हुए कृषि विभाग, बारां की ओर से किसानों को सोयाबीन के बीज की तैयारी के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह जारी की गई है। इसके तहत बताया गया है कि किस तरह किसान सोयाबीन के बीजों की तैयारी बुवाई के पहले करें ताकि किसानों को कम लागत में सोयाबीन की बेहतर पैदावार प्राप्त हो सके।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से सोयाबीन की बुवाई से पहले बीजों की तैयारी से संबंधित कृषि विभाग, बारां की ओर जारी की गई उपयोगी जानकारी दे रहे हैं जो किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती है।
कृषि विभाग के अनुसार सोयाबीन के बीजों (soybean seeds) को हर साल बदलने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आपने इसका एक बार बीज बदल दिया है तो उसके बीज के उत्पादन को आगे आने वाले दो से तीन वर्षों तक बुवाई के काम में लिया जा सकता है। इससे फसल के उत्पादन में कोई कमी नहीं आती है।
यदि किसान अपने पास उपलब्ध बीज को बुवाई के काम में लेते हैं तो यह बहुत अच्छा है। वहीं आप अन्य किसान से बीज खरीद कर काम में ले रहे हैं तो सबसे पहले आप बीज की सफाई करें एवं स्पाइरल सीड ग्रेडर से ग्रेडिंग कर बीज तैयार करने के बाद ही उसकी बुवाई करें। ऐसा करने से आपकी फसल पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ेगा।
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार अतीश कुमार शर्मा, बारां के मुताबिक किसान सोयाबीन के साफ किए हुए बीजों की बुवाई करने से पहले उस बीज के अंकुरण की जांच अवश्य कर लें। अंकुरण की जांच का तरीका इस प्रकार से हैं।
यदि किसान खुद सोयाबीन बीजों (soybean seeds) के अंकुरण की जांच नहीं कर पा रहे हैं तो वे कृषि विभाग की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा किसानों को बीज अंकुरण जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। किसान अपने पास रखे हुए बीज के अंकुरण की जांच बीज परीक्षण प्रयोगशाला कारखाना बांरा कोटा में करा सकते हैं। यहां बीज अंकुरण की जांच नि:शुल्क की जाती है। इसके लिए किसान एक किलोग्राम बीज का नमूना एक थैली में पैक करके उस पर अपना नाम, पता अंकित कर एक सादा कागज पर आवेदन कर सकते हैं। किसान नमूना जांच के लिए सीधे भी भेज सकते हैं। वहीं संबंधित सहायक कृषि अधिकारी के जरिये भी आप बीज नमूना कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि जिला परिषद में जमा करा सकते हैं।
यदि किसान स्वयं के पास रखें बीजों से सोयाबीन की बुवाई (Soybean sowing) करते हैं तो यह उनके लिए बहुत अच्छा होगा। संयुक्त निदेशक ने बताया कि जो किसान अपने स्वयं के बीज बुवाई के काम में लेंगे तो उन्हें बाजार से महंगा बीज खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और फसल लागत में कमी आएगी। इसके अलावा स्वयं के बीज का उपयोग करने से उत्पादन के गिरने की समस्या भी नहीं आएगी।
यदि किसान बाजार से उन्नत बीज की खरीद कर रहे हैं तो उन्हें विश्वसनीय, विश्वास पात्र संस्था अथवा संस्थान से बीज की खरीद करनी चाहिए। बीज खरीदते समय इसका पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए जिसमें बीज खरीद की तारीख, खरीदी गई वस्तु की मात्रा और बैच नंबर और उपयोग की अंतिम तिथि का उल्लेख जरूर होना चाहिए। इसके अलावा बीज की थैली की जांच भी जरूर करनी चाहिए। ऐसा न हो कि कहीं आपको रिफिल किया हुआ थैला दे दिया गया हो या इसकी दोबारा से सिलाई करके आपको बेचा जा रहा हो। यह सब बातें बीज खरीदते समय ध्यान में रखनी चाहिए। वहीं यदि विक्रेता आपको पक्का बिल देने में आनाकानी करें तो आप इसकी शिकायत अपने निकटतम कृषि विभाग अथवा उप संचालक कृषि के जिला कार्यालय पर कर सकते हैं।
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