यूजर प्रोफाइल

नया उपयोगकर्ता

ट्रैक्टर जंक्शन से जुड़ें

मिर्च का उत्पादन बढ़ाने के आसान टिप्स - कम खर्च में होगा अधिक मुनाफा

प्रकाशित - 27 Jul 2022

जानें, मिर्च की खेती में लागत कम करने के तरीके और लाभ

मिर्च रोपाई जुलाई माह में की जा सकती है। इसके पौधे को करीब 100 सेंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। यदि इसकी खेती में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। आइए जानते हैं मिर्च की खेती में लागत कम करने के कुछ आसान टिप्स

ट्रैक्टर की दुनिया की हर ख़बर, सिर्फ ट्रैक्टर जंक्शन व्हाट्सएप पर!

यहाँ क्लिक करें
Whatsapp icon

जलवायु व भूमि का चुनाव

  • मिर्च की खेती उन क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है जहां वार्षिक बारिश 60-150 सेंटीमीटर होती हो। ज्यादा बारिश इसे नुकसान पहुंचाती है। 
  • इसकी खेती के लिए जीवांशयुक्त अच्छे जल निकास वाली दोमट या बलुई मिट्टी अधिक उपुयक्त रहती है जिसमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा अधिक हो।

ऐसे करें मिर्च की रोपाई

  • मिर्च की पौध तैयार हो तो जुलाई माह में इसकी रोपाई की जा सकती है। 
  • इसकी रोपाई के लिए अपने क्षेत्र की जलवायु के हिसाब से किस्म का चयन करना चाहिए।
  • 4 से 8 सप्ताह की मिर्च की पौध की रोपाई समतल खेत में अथवा मेढ़ों (उथली क्यारियों) पर करें। 
  • रोपाई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में ज्यादा पानी खड़ा न रहे। यदि खेत में पानी ज्यादा रह गया तो उसकी निकासी का तुरंत प्रबंध करना चाहिए।
  • मिर्च की रोपाई कतार में करनी चाहिए ताकि निराई गुड़ाई का काम आसानी से हो सकें। 
  • मिर्च की पौध की रोपाई करते समय पंक्तियों के बीच की दूरी 2 फीट तथा पौधों व बीच की दूरी डेढ़ फीट रखनी चाहिए।
  • रोपाई हमेशा शाम के समय या धूप कम रहने या नहीं रहने पर करें। रोपाई के पूर्व व बाद में थालों में पानी अवश्य देना चाहिए।  

अधिक उत्पादन के लिए करें ये काम

रोपाई से पहले जड़ों को माइकोराइजा 5 मिली प्रति लीटर पानी की दर वाले सोल्यूशंस में मिला देना चाहिए ताकि जड़ का अच्छे से विकास हो सकें। जितना अच्छा जड़ का विकास होगा उतनी ही अच्छे से पौधे का विकास होगा और उत्पादन अधिक मिलेगा।

खाद व उर्वरक की मात्रा का रखें ध्यान

खेत की तैयारी के समय सामान्यत: एक एकड़ क्षेत्रफल मे 80-100 क्विंटल गोबर की सड़ी हुई खाद या 50 क्विंटल वर्मीकंपोस्ट खेत की तैयारी के समय मिला देनी चाहिए। वहीं नाइट्रोजन में 48-60 किलो, फास्फोरस 25 किलो तथा पोटाश 32 किलो प्रति एकड़ का उपयोग करना चाहिए।  

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों जॉन डियर ट्रैक्टरमैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

सर्टिफाइड पुराने ट्रैक्टर्स

महिंद्रा 575 डीआई

45 एचपी | 2014 Model | कोटा, राजस्थान

₹ 3,80,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

पॉवर ट्रैक यूरो 50

50 एचपी | 2019 Model | झुंझुनूं, राजस्थान

₹ 4,50,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

कुबोटा एमयू4501 4WD

45 एचपी | 2022 Model | हनुमानगढ़, राजस्थान

₹ 6,70,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

महिंद्रा युवो टेक प्लस 575

47 एचपी | 2023 Model | उज्जैन, मध्यप्रदेश

₹ 6,50,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

सभी देखें

Whatsapp-close Whatsapp icon

Every news from the world of tractors, only on Tractor Junction WhatsApp!

यहाँ क्लिक करें