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किसानों के लिए खुशखबरी : जानें 2800 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन के बारे में

प्रकाशित - 06 Sep 2024

किसानों के लिए खुशखबरी : क्या है 2800 करोड़ रुपये का डिजिटल कृषि मिशन

किसानों को खुशखबरी देने वाली खबर सामने आई है। पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए सात योजनाओं को मंजूरी दी गई थी, जिसमें एक डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) भी शामिल है। बताया जा रहा है कि इस मिशन के शुरू होने से किसानों को बहुत लाभ होगा। इस मिशन की लॉन्चिंग के साथ ही सरकार को अगले दो से तीन सालों तक एमएसपी (MSP) पर अनाज खरीद, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) और फसल उत्पादन अनुमान जैसे कुछ क्षेत्रों में बड़ा असर दिखाई देने की उम्मीद है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि इस मिशन की सहायता से ऐसे फसल बीमा दावों पर रोक लग सकेगी जिनमें झूठे दावे किए जाते हैं। मिशन को अगले दो वर्षों तक चलाया जाएगा। आइये जानते हैं, क्या है यह डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) और इससे किसानों को कितना हो सकता है लाभ।

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क्या है डिजिटल कृषि मिशन (What is Digital Agriculture Mission)

केंद्र सरकार की ओर से किसानों का पूरा डेटा ऑनलाइन एक जगह पर रखा जाएगा। इसमें खेती और किसानों से जुड़े कई डेटा जो अभी अलग-अलग जगहों पर बिखरे हैं, उन्हें एक जगह पर करके उनका डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। इसमें जैसे- लैंड रिकार्ड  (मालिकाना हक वाले प्रमाण-पत्र के साथ), उर्वरक और शेष इनपुट एप्लीकेशन, लोन के डेटा राज्य सरकार के पास है। वहीं कई और जानकारियां सहकारिता मंत्रालय, पशुपालन मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के पास है। इस तरह यह बिखरी हुई जानकारी या डेटा को एक जगह इकट्‌ठा किया जा रहा है जिससे इस क्षेत्र में किसी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके और वास्तविक पात्र किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके।  

डिजिटल कृषि मिशन पर कितना होगा खर्च (How much will be spent on Digital Agriculture Mission)

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से चलाया जाएगा। इस मिशन के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 2,817 करोड़ रुपए के डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है। इसके तहत केंद्र की ओर से 1,940 करोड़ रुपए 31 मार्च 2026 तक खर्च किया जाएगा। वहीं शेष राशि राज्य सरकार खर्च करेगी। 

डिजिटल कृषि मिशन का क्या है उद्देश्य

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission), डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की संरचना पर आधारित है। इस मिशन का उद्देश्य तकनीक का उपयोग करके किसानों की आय में बढ़ोतरी करके उनके जीवन को बेहतर बनाना है।

डिजिटल कृषि मिशन में किन प्रमुख स्तंभों को किया गया है शामिल

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) में कृषि के दो प्रमुख स्तंभों को शामिल किया गया है पहला एग्री स्टैक और दूसरा कृषि निर्णय सहायता प्रणाली। एग्री स्टैक स्तंभ के अंतर्गत किसान पंजीकरण, गांव भूमि मानचित्र पंजीकरण, फसल बोने का पंजीकरण, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली, भू स्थानिक डेटा, सूखा या बाढ़ की निगरानी, मौसम या उपग्रह डेटा, भूजल या पानी की उपलब्धता का डेटा और फसल उत्पादन और बीमा के लिए मॉडलिंग को शामिल किया गया है।

डिजिटल कृषि मिशन में क्या किए गए हैं प्रावधान (What provisions have been made in the Digital Agriculture Mission)

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) के तहत किसानों के खेतों से संबंधित डेटा पूरा एक साथ होगा। कृषि के लिए एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है जिसमें कृषि क्षेत्र पर विश्वसनीय और वैरीफराइड डेटा होगा। इस मिशन में जो प्रावधान शामिल किए गए हैं उनमें मृदा प्रोफाइन, डिजिटल फसल आकलन, डिजिटल उपज मॉडलिंग, फसल ऋण के लिए कनेक्टिविटी, आधुनिक तकनीकों जैसे एआई और बिग डेटा का उपयोग, खरीदारों से कनेक्टिविटी, मोबाइल फोन पर नई जानकारी लाना आदि प्रावधान किए गए हैं जो किसानों के हित में होंगे।

डिजिटल कृषि मिशन से किसानों को क्या होगा लाभ (What will farmers benefit from Digital Agriculture Mission)

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) से किसानों को काफी लाभ होने की उम्मीद की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मिशन से जो किसानों को लाभ बताए जा रहे हैं, वे इस प्रकार से हैं-

  • बताया जा रहा है कि दो से तीन साल बाद किसान फायदों और सर्विसेज तक पहुंचने के लिए स्वयं डिजिटली आईडेंटीफाई कर सकेंगे।
  • किसानों को उबाऊ कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिलेगी, क्योंकि उनका उनके परिवार और खेती से संबंधित सारा डेटा डिजिटल होगा।
  • डिजिटल डेटा होने से पात्र किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा। जैसे- फसल नुकसान होने पर नुकसान का आकलन करना आसान होगा। वहीं फसल बीमा के झूठे दावों पर भी लगाम लगेगी।
  • डिजिटल डेटा तैयार होने से किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
  • डिजिटल डेटा होने से किसान जीरो पेपर वर्क या फिर बिना किसी दस्तावेज के, कृषि इनपुट सप्लायर्स और कृषि उपज के खरीदारों से जुड़े फसल कर्ज, पेपर फ्री एमएसपी बेस्ड खरीद, फसल बीमा, क्रेडिट कार्ड-लिंक्ड फसल कर्ज का उपयोग करने में समक्ष हो सकेंगे।

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