प्रकाशित - 21 Aug 2024
किसानों को खेती के काम में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि खरीदने लिए सरकार की ओर से सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह ऋण कृषि कार्यों के लिए दिया जाता है जो अल्पकालीन होता है। इसके तहत किसानों को बहुत ही कम दर पर खेती के लिए ऋण दिया जाता है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री शून्य प्रतिशत मुक्त फसली ऋण योजना चलाई जा रही है। इसके तहत सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा अल्पकालीन फसली एवं पशुपालन ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना के तहत समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को ब्याज नहीं देना होता है। वहीं देय तिथि के बाद राशि चुकाने पर किसान को 10 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है। इस तरह यह योजना उन किसानों के लिए लाभकारी है जो समय पर अपना ऋण चुकाते हैं।
राज्य सरकार के आदेशानुसार रबी 2023-24 (एक सितंबर 2023 से 31 मार्च 2024) के अंतर्गत वितरित अल्पकालीन फसली एवं पशुपालन ऋण की अंतिम देय तिथि 30 जून 2024 को दो माह बढ़ाकर 31 अगस्त 2024 अथवा ऋण लेने की दिनांक से 12 महीना जो भी पहले हो, किए जाने की स्वीकृति दी गई है। ऐसे मे जो भी किसान योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे समय पर ऋण की राशि जमा कराएं ताकि इससे अवधिपार श्रेणी में वर्गीकृत हो जाने पर अगली फसल में नामांकन रद्द होने और 10 प्रतिशत ब्याज से बचा जा सके। किसान को कोई आर्थिक हानि नहीं होगी। यदि किसी भी तकनीकी कारण से समिति स्तर पर ऋण वसूली जमा नहीं हो पा रही है तो किसान संबंधित बैंक शाखा में जाकर भी नकद वसूली जमा करा सकता है। यह जानकारी अजमेर सेंट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंधक निदेशक भंवर सुरेंद्र सिंह ने दी।
सभी किसान रबी 2023-24 का अपना पुराना ऋण चुकाकर खरीफ 2024 का ऋण समितियों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। अगस्त महीने तक आवंटित लक्ष्य 315 करोड़ के परिप्रेक्ष्य में बैंकों द्वारा 295.71 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। शेष रहे किसान जल्दी ही समिति मुख्यालय जाकर अपना बकाया ऋण चुकाकर सरकार की मुख्यमंत्री शून्य प्रतिशत मुक्त फसली ऋण योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना का लाभ राज्य के किसान 31 अगस्त 2024 से पहले प्राप्त कर सकते हैं।
राजस्थान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री शून्य ब्याज मुक्त फसली ऋण योजना का लाभ किसानों को प्रदान किया जा रहा है। यह योजना किसानों को डिफाल्टर होने से बचाती है। इस योजना की शुरुआत 11 जुलाई 2019 को शुरू की गई थी। इस योजना के तहत केंद्रीय सहकारी बैंकों से संबंद्ध ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से 1.50 लाख रुपए तक के लिए गए फसली ऋण का समय या समय से पूर्व भुगतान करने वाले किसान को राज्य सरकार की ओर से 4 प्रतिशत और केंद्र सरकार की ओर से 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है। इस तरह इस योजना के तहत राज्य के किसानों को शून्य ब्याज दर पर कृषि लोन उपलब्ध हो जाता है।
सहकारी समिति से कृषि ऋण प्राप्त करने के लिए किसान का सबसे पहले सहकारी समिति में रजिस्टर्ड होना जरूरी है। इसके बाद ही किसान समिति के माध्यम से ऋण ले सकता है और शून्य ब्याज अनुदान योजना का लाभ उठा सकता है। योजना के तहत किसानों को ऋण के लिए आवेदन हेतु जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
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